विजयपूरम नाम की घोषणा अमित शाह का बयान: Port Blair Name Change News 2024

विजयपूरम नाम की घोषणा अमित शाह का बयान: Port Blair Name Change News 2024

विजयपूरम नाम की घोषणा अमित शाह का बयान: Port Blair Name Change News

Port blair name change news में..केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एक अच्छी खबर आ रही है। जो अंडमान निकोबार दीप समूह से संबंधित है। जहां पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यह बयान जारी किया है की “पोर्ट ब्लेयर” का नाम बदल दिया जाएगा और “विजयपुरम” रखा जाएगा।

इसके अलावा अमित शाह ने राष्ट्र उपनिवेशन छापों से छुटकारा करने के लिए यह निर्णय लिया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंस्पायर होकर लिया गया। यहां पर देश की पौराणिक पद्धति को सम्मान देते हुए नाम बदला जाएगा।

देश की पुरानी धरोहर के लिए “पोर्ट ब्लेयर” को बदलकर “विजयपुरम” कर दिया जाएगा

 इसलिए हमने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ करने का फैसला किया है।”

पोर्ट ब्लेयर क्यों हटाया जा रहा हैं?(port blair name change)

port blair name change news में…

अमित शाह का कहना है कि यह हमारे कई नैतिक विद्वानों का प्रेरित स्थान है जहां पर हमारे नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सबसे पहले तिरंगा झंडा लहराया था, और हमारा सेल्यूलर जेल भी यहीं है। इसके अलावा कई स्वतंत्रता सेनानियों ने यहां पर रहकर अपनी रणनीति को अग्रसर किया था।

अंडमान निकोबार दीप की राजधानी “पोर्ट ब्लेयर” को “विजयपुरम” करना हमारे देश के लिए हितकर होगा। इसके अलावा पोर्ट ब्लेयर ब्रिटिश शासन के द्वारा रखा गया था, जहां पर वह भारत के खिलाफ कई षड्यंत्र रचा करते थे और उनके लिए बाहरी रास्ता हुआ करता था।

पोर्ट ब्लेयर ब्रिटिश शासन के हित में आता है इसीलिए पोर्ट ब्लेयर को बदलकर विजय पुरम रखना आवश्यक क्यों होगा यह हमारी पुरानी पद्धति से संबंधित नाम होगा।

अमित शाह ने कहा(port blair name change news) 

अमित शाह ने ऐसा क्या कह दिया कि भारत देशवासी गर्व महसूस करने लगे। port blair name change news में अमित शाह ने कहा की “पोर्ट ब्लेयर” जो नाम रखा गया है वह बदलकर विजय पुरम कर दिया जाएगा। क्योंकि यह स्थान हमारे कैसे स्वतंत्रता सेनानियों जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने यहां पर पहली बार तिरंगा झंडा भी लहराया था।

हमारा सेल्यूलर जेल भी यहीं पर स्थित है। इसलिए इसका नाम “पोर्ट ब्लेयर” बदलकर “विजयपुरम” होना चाहिए इससे हमारी पुरानी पद्धति से संबंधित नाम होगा।

जो हमारे देश से मिलता-जुलता होगा इसके साथ ही अंडमान निकोबार दीप समूह हमारे देश के हित के लिए केंद्रीय रणनीति प्लान करता है। पोर्ट प्लेयर नाम बाहरी व्यक्तियों से संबंधित है इसलिए हम इसे बदलना चाहते हैं।

अमित शाह के इस बयान से देशवासी अपने को गर्व महसूस कर रहे होंगे, क्योंकि “विजयपूरम” नाम भारत की संस्कृति को भी दर्शाता है

पोर्ट ब्लेयर कौन था

यह बात 1789 की है जब अंडमान निकोबार दीप समूह में मछली पकड़ने वाला गांव था। वहां पर जब लेफ्टिनेंट आर्चीबाल्ड ब्लेयर पहुंचते हैं तो वह ब्रिटिश शासन के लिए उपनिवेशन प्रयासों के लिए योजनाएं बनाने लगते हैं। जहां से वह भारत के खिलाफ षड्यंत्र तो रचते ही है इसके अलावा कई संसाधनों का निर्यात भी करते हैं।

इस प्रकार वहां आबादी बढ़ती गई और लेफ्टिनेंट आर्चीबाल्ड ब्लेयर के नाम से उसे जगह को पोर्ट ब्लेयर रख दिया गया। हम आपको बता दे की लेफ्टिनेंट आर्चीबाल्ड ब्लेयर ब्रिटिश नौसेना के अधिकारी थे। पोर्ट ब्लेयर उनके लिए भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने का सबसे अच्छा स्थान था ,जहां से वह अगर उन पर कोई आक्रमण करता है तो वह कई रास्तों से जा सकते थे।

पोर्ट ब्लेयर, ब्रिटिश शासन की भूमिका 

ब्रिटिश शासन के लिए बंदरगाह अंडमान एवं निकोबार दीप समूह बहुत ही उपयोगी साबित हुआ। जहां से वह भारत के खिलाफ रणनीति बनाते थे। यह शुरू में मछली पकड़ने वाला टापू हुआ करता था, फिर बाद में पोर्ट ब्लेयर नाम रख दिया गया। क्योंकि यहां आबादी भी बढ़ गई और इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट आर्चीबाल्ड ब्लेयर करते थे।

पोर्ट ब्लेयर ब्रिटिश शासन उपनिवेशियों के लिए बहुत कारगर साबित हुआ यहां से वहां अपना निर्यात आसानी से कर दिया करते थे उनके निर्यात के कई रास्ते खुल गए थे।

उनके लिए आसपास के प्रभावी दीपों में भी अपना नियंत्रण करना आसान हो गया था।

port blair name change news में हम आपको बता दे कि अंडमान निकोबार दीप समूह ऐसे स्थान पर है जहां से उसके आसपास के दीपों को आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है। अंडमान निकोबार दीप समूह अन्य दीपों की तुलना में ज्यादा समृद्धशाली रहा जिस वजह से ब्रिटिश शासन को इस जगह चुनने

में ज्यादा समय नहीं लगा।

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