RBI Policy Today 2024 : आरबीआई पॉलिसी से मिला लाभ

RBI Policy Today 2024 : आरबीआई पॉलिसी से मिला लाभ

RBI Policy Today 2024
RBI Policy Today 2024 : आरबीआई पॉलिसी से मिला लाभ

केंद्रीय बैंको ने लगातार 9वीं बार ब्याज के दरों में कोई भी परिर्वतन नही किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक  नियम लागू किया जिसमें कि रेपो प्राइस 6.5% पर ही रहेगा। इसका मतलब यह है कि होम कार लॉन, दुकान लॉन, जगह लॉन और अन्य लोन की EMI में कोई भी कमी या वृद्धि दिखने को नहीं मिलेगी।
यह फ़ैसला ऐसे समय में आई है जब विश्वभर के बाजारों ( market ) में हलचल मची हुई है।

जापान ने भी अभी ब्याज दरों में चौथी प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, इन वैश्विक घटनाओं के बाद, रिजर्व बैंक के इस फैसले का प्रभाव भारतीय बाजार पर भी दिखाई दिया।
RBI Policy मे गवर्नर शक्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर माइकल और उनके अन्य अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के प्रश्नों का जवाब भी दिया। अमेरिका में जो मंदी को लेकर पूछे गए सवाल पर गवर्नर दास ने कहा कि इस मुद्दे पर कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी की ओर होगा।

RBI के लिए चिंता का विषय

आरबीआई के लिये चिंता का विषय;

आज कल घर के खर्चे बहुत बड़ गए हैं, जिससे आम इंसान सोचता हैं कि वह शेयर बाजारों में निवेश करके थोड़ा पैसा कमा ले। ताकि उसके सर से थोड़ा बोझ उतर जाए। और वे शेयर बाजारों में ज्यादा निवेश कर रहे हैं। जिससे भारतीय रिजर्व बैंक की चिंताएं बढ़ गई हैं। मॉनेटरी की बैठक के बाद, आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से गुज़ारिश की हैं , कि वे अपने आस पास शाखा नेटवर्क का उपयोग कर कुछ खास सेवाओं के माध्यम से लोगों को बैंक में डिपॉजिट की ओर आकर्षित करें।

उन्होंने ये भी कहा कि, बैंकों में जो लॉन की मांग बड़ रहीं है, तो इसे कम करने के लिए, वे अल्पकालिक नॉन-रिटेल डिपॉजिट और अन्य लायबिलिटी साधनों पर ज्यादा से ज्यादा निर्भर हो रहे हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि, जैसा कि पहले कहा गया था, इससे बैंकिंग सिस्टम में नकदी से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

फर्जी लोन ऐप्स पर RBI हुआ सख्‍त

हमारे भारत में लोन के फ्रॉड मामले तेजी से अग्रसर हो रहे हैं। कई फेक कंपनियां लोन ऐप्स को धड़ल्ले से सोशल मीडिया पर चलाते हैं, लोगों को लालच देते हैं और फिर कई गुना ब्याज वसूलते हैं। कुछ ऐप्स तो लोन के नाम पर सीधे-सीधे फ्रॉड ही करते हैं। इन पर लगाम लगाने के लिए RBI Policy ने पब्लिक रिपॉजिटरी बनाने का प्रस्ताव रखा है।

 

 

डिजिटल लोन देने वाले लेंडिंग ऐप्स और फर्जी लोन ऐप्स में नजर रखने के लिए केंद्रीय RBI एक पब्लिक रिपॉजिटरी सिस्टम बनाने की तैयारी में है, जो इन ऐप्स की मॉनिटरिंग करेगा। मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग (RBI-MPC) में केंद्रीय बैंक ने बैंकों और NBFCs को डिजिटल लेंडिंग ऐप्स (DLA) के आंकड़े तैयार करने का प्रस्ताव दिया है।

इस पब्लिक रिपॉजिटरी के माध्यम से, online लोन देने वाले aaps के बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी उपलब्ध होगी, जिससे फर्जी इकाइयों पर रोक लगाई जा सकेगी। लोगों के लिए अच्छी व्यवस्था बनाने के लिए आरबीआई निरंतर अच्छे नियम लागू करते आया है, इस फ़ैसले से भारत के कई लोगों को फ़ायदा हुआ है।

RBI सख्‍त, होम लोन पर कर्ज लेने वालों सावधान

RBI Policy के तहत गवर्नर शक्तिकांत दास ने चिंता जताई हैं कि टॉप अप लोन के वितरण में बैंक और अन्य संस्थाएं नियमों का सही ढंग से पालन नहीं कर रही हैं। जिस वजह से कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आगाह किया कि यदि इसको गंभीरता से नहीं लिया गया, तो इसका प्रभाव वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता पर पड़ सकता है, जिससे पूरी वित्तीय प्रणाली प्रभावित हो सकती है। भारत की इकॉनमी में कई कमी दिखने को मिल सकती हैं।

दास ने बैंकों और एनबीएफसी से भी आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और सुनिश्चित करें कि टॉप अप लोन के वितरण के दौरान सारे नियम मानकों का सख्ती से पालन करे। जिससे उन्हे भी कोई दिक्कत ना हो और हमे भी ना हों।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि टॉप अप लोन की प्रक्रिया को अधिक ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए एक मजबूत प्रणाली विकसित किया जाए, जो न केवल लोन की स्वीकृति और वितरण पर नजर रख पाए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करे कि लोन का उपयोग सही उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हो रहा है।

इसके साथ ही, गवर्नर ने इस बात पर जोर दिया कि टॉप अप लोन के खर्च के तरीकों की निगरानी और उसकी स्क्रूटनी को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ऐसा तंत्र ऐसा प्रणाली बनाया जाए जो समय-समय पर टॉप अप लोन के उपयोग की जांच करे, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी या जोखिम भरी गतिविधियों को समय रहते पहचाना जा सके। यह कदम न केवल वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने में सहायक होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि लोन लेने वाले ग्राहक और वित्तीय संस्थान, दोनों ही किसी संभावित गंभीर समस्या से बच सकें।

गूगल से हटाए कई लॉन वाले ऐप्स

करीब दो महीने पहले की बात हैं, रिजर्व बैंक ( आरबीआई  )ने डिजिटल( ऑनलाइन )लोन ऐप्स के बढ़ते खतरे और उनके दुरुपयोग को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। RBI ने 442 यूनीक डिजिटल (Online) लोन ऐप्स की कई सूची तैयार की और इसे IT मंत्रालय के साथ साझा ( share )किया, ताकि इन ऐप्स को व्हाइट लिस्ट में डाला जा सके।

इस सूची का उद्देश्य उन ऐप्स की पहचान और सत्यापन करना था जो सही तरीके से काम कर रहे हैं और नियमों का पालन कर रहे हैं, ताकि लोगों को सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल लोन सेवाएं प्रदान की जा सकें। जिससे वे इसे आसानी से बिना धोखाधड़ी के ले सकें।

इसके अलावा, गूगल ने भी इस दिशा में बड़ा कदम उठाया। सितंबर 2022 से अगस्त 2023 के बीच, गूगल ने अपने प्ले स्टोर से लगभग 2,200 से अधिक डिजिटल online लोन ऐप्स को हटा दिया। ये ऐप्स विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के कारण हटाए गए थे। गूगल का यह कदम उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और डिजिटल लोन बाजार में सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा था।

इस तरह के कदम उठाकर, रिजर्व बैंक और गूगल ने डिजिटल लोन देने वाली सेवाओं को अधिक सेफ्टी और भरोसेमंद बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ये अथक प्रयास सुनिश्चित तय करेंगे कि केवल वे ऐप्स जो नियमों का पूर्ण पालन करते हैं और उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा करते हैं, वे ही बाजार में बने रहें। जिससे लोगों को आसनी हो और कोई धोखाधड़ी भी ना हो।

इससे अधिक जानकारी के लिए आप इनकी आधिकारिक वेबसाईट मे जा सकते हैं……

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