Indian Rupee Drops 2024 : रुपए की मंदी का कारण – मतगणना और भारी विदेशी निवेशकों का आना….
अभी अभी ख़बर आ रही हैं कि भारत के रुपयों में गिरावट आई है। अमेरिका बाजारों में थोड़ी आर्थिक बड़ोत्तरी से भारत के रुपयों में भी प्रभाव पड़ा है।
भारत रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में 83.82 के मार्जिन से निचले स्तर तक पहुंच गया। सुबह के टाइम 11:20 बजे तक यह 83.812 पर रनिंग कर रहा था, जो शुक्रवार के दिन 83.75 के पिछले बंद भाव से करीब 0.1% कम पर था। ऐसा तभी होता हैं जब शेयर बाजारों में गिरावट आती है। भारत के शेयर बाजार में काफ़ी दिनों से मंदी आई है। भारी विदेशी निवेशकों का रुपयों में आकर शेयर बाजारों को मंदी में ले जाते है। जिससे रुपया और भी नीचे चला गया है।
गुरुवार को रूपया ने अमेरिकी डॉलर से की थी बराबरी
गुरुवार को भारत के शेयर बाजारों में काफ़ी उथल पुथल चल रही थी, जिसमें भारत के बाजार ने ग्रोथ किया। शेयर के भाव मिनिमम प्राइस से ऊपर रनिंग किए, इस रनिंग ग्रोथ से भारत रुपयों ने अमेरिकी डॉलर की बराबरी कर ली थी। जो मजबूत होकर 83.71 पर बंद हुआ था।
बिकवाली से भारतीय रुपया गया नीचे Indian Rupee Drops Reason..
विश्व के शेयर बाजार में बिकवाली के दिन भारत का शेयर बाजार काफ़ी मंदी में रहा, जिस कारण रुपया अपने निचले स्तर की ओर बड़ गया। जो अभी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पर 83.75 के रिकॉर्ड में निचले स्तर पर पहुंच गया हैं ।
डॉलर के ग्रोथ का कारण
अभी के कुछ दिनों से अमेरिकी शेयर बाजार काफ़ी बढ़ रहा है, जिससे निवेशक डॉलर में निवेश कर रहे हैं, डॉलर में निवेशकों की मात्रा बढ़ जानें से रुपया मंदी की ओर बढ़ गया है। यह रुपयों के लिए अच्छी खबर नहीं है।
विदेशी निवेशक
भारती के बाजारों में विदेशी निवेशक की मात्रा अधिक है, ये पहले बाजारों में भारी मात्रा में शेयर खरीद लेते हैं, और जब इन शेयरों को बेचा जाता हैं , तब रुपया काफी नीचे गिर जाता है। विदेशी निवेशक ज्यादा डिमांड वाले शेयरों को ऊपर ले जाते है, जिससे कई लोग सोचते हैं, कि अभी और वृद्धि होगी, तो विदेशी निवेशक पहले भारी तादात बढ़ाते है। फिर अपना लाभ प्राप्त होते ही क्लोज कर देते है। बाजार काफ़ी नीचे गिर जाता हैं। बजार नीचे गिरेगा तो लोगों के निवेश राशि भी नीचे गिरेगी, जिससे रुपया भी नीचे गिर जाता हैं।
मतगणना परिणाम से रुपया प्रभावित
मतगणना में भाजपा के निराशाजनक परिणामों के कारण रुपया नीचे गिर गया। हम आपको बता दें कि भाजपा ने अपने निर्धारित सीटों से भी कम मार्जिन प्राप्त की, बल्कि ऐसी संभावना भाजपा से नहीं की जा रही थीं। लोकसभा चुनावो में निराशापूर्ण परिणाम आए, जिसमें गठबंधन को अपने जगहों हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान में भारी हार का सामना करना पड़ गया, जबकि संभावना यह लगाई जा रही थी कि वह लगभग 290 सीटों के साथ अपनी सत्ता बनायेंगे। पर ये हो न सका।
अनुज चौधरी के अनुसार Indian Rupee Drops का कारण…. इस बार के चुनाव परिणामों को देखते हुए काफ़ी हल चल चली। जिससे विदेशों निवाशको ने भारत पार भारी बिकवाली करी, जिसका प्रभाव इंडियन शेयर बाजार में पड़ा। जिससे बाजार निचले स्तर की और गया, और रुपया प्रभावित हुआ, जो डॉलर के मुकाबलों नीचे गिर गया।