Reetika Quarter Final Result : इस वजह से हारी रीतिका , नहीं तो जीत जाती ।
पेरिस ओलंपिक के 15वें दिन, भारत की महिला पहलवान रितिका हुड्डा (Reetika Reetika ) से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी, और रितिका हुड्डा ने उन उम्मीदों पर खड़ा उतरते हुए फ्री स्टाइल 76 किग्रा वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में जीत दर्ज करके जगह बनाई । इस जीत के साथ उन्होंने क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी।
रितिका के मुकाबले की आरंभ से ही भारतीय खेल प्रेमियों की निगाहें उनके प्रदर्शन पर टिकी हुई थीं। प्री क्वार्टर फाइनल में रितिका हुड्डा ( Reetika Reetika ) ने अपने कौशल और शक्ति का शानदार प्रदर्शन किया, जिससे देशभर में उनके फैनों का उत्साह चरम पर पहुंच गया था। उनके इस शानदार प्रदर्शन से सभी देश्वसियों की उम्मीदें और ज्यादा बढ़ गई थीं कि वह क्वार्टर फाइनल में भी उसी ऊर्जा और ताकत के साथ मुकाबला करेंगी और अपने प्रतिद्वंद्वि खिलाड़ी को मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश करेंगी।
पेरिस ओलंपिक के इस महत्वपूर्ण जगह पर, रितिका का प्रदर्शन न केवल रितिका हुड्डा ( Reetika Reetika ) के व्यक्तिगत करियर के लिए बल्कि भारत के ओलंपिक मैचों के लिए भी बेहद अहम साबित हो सकता था। उनकी जीत ने न केवल उन्हें पदक की दौड़ में आगे बढ़ाया, बल्कि भारत देश को भी गर्व से भर दिया था। रितिका हुड्डा ने अपनी मेहनत और संकल्प की शक्ति पर उस दिन एक नया इतिहास रचने की दिशा में कदम बढ़ाया।
रीतिका के मुकाबले का आरंभ
भारत की महिला पहलवान ( Reetika Reetika ) रितिका हुड्डा 76 किग्रा भारवर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में उतरी थीं, जहाँ उनका सामना किर्गिस्तान की खिलाड़ी अयापेरी मेदेत किजी से हुआ। इस महत्वपूर्ण मैच में, खेल के पहले राउन्ड की शुरुआत होते ही दोनों पहलवानों ने पूरी ताकत और कुशलता के साथ एक-दूसरे को चुनौती दी।
रितिका के इस सेमीफाइनल में पहुंचने का सफर काफी चुनौतीपूर्ण और प्रेरणादायक रहा था। उनके आत्मविश्वास और संघर्ष की झलक इस मुकाबले में साफ दिखाई दे रही थी। खेल के पहले पीरियड के दौरान, दोनों पहलवानों ने अपनी रणनीतियों और तकनीकों का भरपूर उपयोग किया। रितिका ने अपनी बेहतरीन तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए अयापेरी के हर दांव का डटकर मुकाबला किया।
पहला पीरियड
पहले राउंड के बाद, ( Reetika Reetika ) रितिका हुड्डा 1-0 की मामूली लेकिन जरूरती बढ़त हासिल करने में सफल रही थीं। इस मुकाबले में, उन्होंने अपने बेहतरीन डिफेंस से किर्गिस्तान की खिलाड़ी पहलवान अयापेरी मेदेत किजी पर दबाव बना दिया था। रितिका की तगड़ी रणनीति ने अयापेरी के आक्रामक अभ्यासों को बार-बार फैल कर दिया, जिससे वह कोई भी बड़ा स्कोर नहीं कर सकीं।
इस मुकाबले में, रितिका ने पहले ही राउंड में अपनी समझदारी और धैर्य का अद्भूत प्रदर्शन किया । हर बार जब अयापेरी ने आक्रमण की तैयारी की, तब रितिका ने अपनी बेहतरीन शानदार डिफेंस की तकनीक से उसे रोका, उसे अपने ही अंदाज में फंसा दिया इस बेहतरीन शानदार प्रदर्शन ने न केवल दर्शकों को गौरवान्वित किया, बल्कि खेल के जानकारों को भी अहसास कराया था।
रितिका की 1-0 की बढ़त, हालांकि मामूली थी, लेकिन यह अयापेरी जैसी अनुभवी और उच्च वरीयता प्राप्त पहलवान के खिलाफ काफी मायने रखती थी। इस बढ़त ने अयापेरी पर और भी दबाव डाल दिया था, क्योंकि रितिका ने दिखा दिया था कि वह न केवल आक्रमण में, बल्कि डिफेंस में भी बेहद मजबूत हैं।
पहले राउंड के बाद, रितिका ( Reetika Reetika ) का आत्मविश्वास और बढ़ गया था, और उन्होंने अपनी इस बढ़त को बनाए रखने के लिए अगले राउंड में भी उसी गति और रणनीति के साथ मुकाबला जारी रखा। यह लम्हा रितिका के लिए बेहद खास था, क्योंकि उन्होंने एक कठिन प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ बढ़त हासिल कर ली थी और सेमीफाइनल में अपना प्रभावशाली प्रदर्शन जारी रखा था।
अंतिम पल मे हारी रितिका हुड्डा ( Reetika Reetika )
पेसिविटी टाइम में ( Reetika Reetika ) रितिका ने 1-0 की बढ़त बना ली थी, और पहले राउंड के बाद यही स्कोर था। हालांकि, दूसरे पीरियड में किर्गिस्तान की एथलीट को भी पेसिविटी टाइम में एल अंक मिला, जिससे स्कोर 1-1 से बराबर हो गया। यह मुकाबला रितिका का पहला ओलंपिक था। चूंकि किर्गिस्तान की पहलवान ने बाद में अंक अर्जित किए थे, इसलिए नियमों के अनुसार उन्हें जीत मिल गई। इस ओलंपिक में कुश्ती के नियमों ने भारत की स्वर्ण पदक की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है। अब रितिका चाहेंगी कि किजी फाइनल में पहुंचे, ताकि रेपेचेज के जरिए वह कांस्य पदक के लिए मुकाबला कर सकें।
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